मित्रो नमस्कार। आप सबने इस ज़मीन पर मेरे मुक्तक को बहुत सराह कर 50 से अधिक Likes & Comments से नवाज़ा है। ग़ज़ल भी मुकम्मल हो गई है और आपकी सेवा में सुझावों के लिए प्रस्तुत है।
दोस्तो ! आपकी अदालत में छोटी बह्र में एक 'क़ानूनी' ग़ज़ल पेश है। आपके फ़ैसले का इंतज़ार है। साथ ही बताइयेगा कि अगल-बग़ल हिन्दी व रोमन में पोस्ट कैसी लगी।
बड़े भैया नमस्कार। इस ग़ज़ल पर आपकी इस्लाह कि मुझे ज़रूरत है। कृपया बताएं कि बहर (मुत फ़ाइलुन मुत फ़ाइलुन ) की मेरी समझ अब ठीक है या नहीं और ये शेर कैसे हुए हैं। इस ज़मीन पर ग़ज़ल कह कर कुछ दिन पहले पोस्ट की थी तो 'ग़ज़लकार' में कुछ लोगों ने बताया कि कई मिसरे बहर से ख़ारिज हैं। अपनी समझ से सुधारे हैं ज़रा देख लें तो इत्मीनान हो।
आदाब। कृपया शेरों कि बह्र देख कर जहाँ सुधार ज़रूरी है बताने की तकलीफ़ करें। रहम लफ्ज़ के बारे में आपसे जानकारी पाकर मतले का दूसरा मिसरा बदल दिया है।
ग़ज़लकार के जानकार मित्रों से गुज़ारिश है कि सुधार के बाद इस ग़ज़ल पर एक नज़र डाल कर अब सुझाव दें व बताएँ कि क्या कोई शेर किसी क़ाबिल है - बहुत आभारी रहूँगा।
--- वी. सी. राय 'नया'
--------- ग़ज़ल ---------
न गवाह है न वकील है।
तिरी रहमतों से अपील है।
तू है चश्मदीद गुनाह का,
मेरे दिल की ये ही दलील है।
ये जो दास्ताँ है गुनाह की,
तेरी ज़ुल्फ़ से भी तवील है।
मैं तो डूबता ही चला गया,
तेरी आँख गहरी झील है।
मिलना, बिछड़ना, भूलना,
हर लफ़्ज़ संगे मील है।
तेरी याद की शम्मा बनी,
मेरी राह में कंदील है।
मेरे दिल पे संगे गराँ 'नया',
आँखों में उमड़ी झील है।
--- वी. सी. राय 'नया'
Namaskaar.
--- वी.सी. राय 'नया'
मुत फ़ा इ लुन मुत फ़ा इ लुन
2 2 1 2 2 2 1 2
न ग वा ह है न व की ल है।
तुझ से र हम कि अ पी ल है।
तू चश्मदीद गुनाहों का ,
इक़बाल मेरी दलील है। चलती न कोइ दलील है।
मेरे गुनाह की दास्ताँ ,
तेरी ज़ुल्फ़ से भी तवील है।
मैं डूबता ही चला गया,
वह आँख गहरी झील है।
मिलना, बिछड़ना, भूलना,
हर लफ़्ज़ संगे मील है।
बस याद कुर्बत की तेरी,
इक राह में कंदील है।
सीने पे संगे गराँ 'नया',
आँखों में उमड़ी झील है।
N GAVAH HAI N VAKIL HAI.
TUJHSE RAHEM KI APEEL HAI.
SABSE BADI IJLAAS MEn,
CHALTI N KOI DALEEL HAI.
MERE GUNAH KI DASTAAn,
TERI ZULF SE BHI TAVEEL HAI.
MAI DUBTA HI CHALA GAYA,
WOH AANKH GAHRI JHEEL HAI.
MILNA, BICHHADNA, BHULNA,
HAR LAFZ SANGE MEEL HAI.
BAS YAD QURBAT KI TERE,
IK RAH MEn QANDEEL HAI.
SEENE PE SANGE GARAAn 'NAYA',
AANKHOn MEn UMDI JHEEL HAI.
--- V. C. Rai 'Naya'
न सबूत है न दलील है।
रहमत से तेरी अपील है।
फ़ेहरिस्त जुर्मों की मिरे,
जुल्फों से तेरी तवील है।
मुन्सिफ़ तेरी इजलास में,
तू खुद ही मेरा वकील है।
ज़ुल्मो सितम पर बेरुख़ी,
हर ज़ख्म जाती छील है।
मिलना, बिछड़ना, भूलना,
हर लफ़्ज़ संगे मील है।
मैं डूबता ही चला गया,
वह आँख गहरी झील है।
बस याद कुर्बत की तेरी,
इक राह में कंदील है।
सीने पे संगे गराँ 'नया'
आँखों में उमड़ी झील है।
--- वी.सी. राय 'नया'
मुत फ़ा इ लुन मुत फ़ा इ लुन
2 2 1 2 2 2 1 2
न स बू त है न द ली ल है
र ह मत स ते रि अ पी ल है
फ़िह रिस् त जुर् मों की मि रे
जु ल् फ़ों स ते रि त वी ल है
मुन् सिफ़ ति री इज ला स में,
तू खुद हि मे र व की ल है।
ज़ुल्मो सितम पर बेरुख़ी,
-------- ग़ज़ल --------
न सबूत है न दलील है। N SABUT HAI N DALEEL HAI.
बस रहमतों से अपील है। BAS RAHMATOn APEEL HAI.
फ़ेहरिस्त जुर्मों की मिरे, FEHRIST JURMOn KI MERE .
जुल्फों से तेरी तवील है। ZULFOn SE TERI TAWEEL HAI.
मुन्सिफ़ तेरी इजलास में, MUNSIF TERI IJLAS MEn,
तू खुद ही मेरा वकील है। TU KHUD HI MERA VAKEEL HAI.
ज़ुल्मो सितम पर बेरुख़ी, ZULMO SITAM PAR BERUKHI,
हर ज़ख्म जाती छील है। MERE ZAKHM JATI CHHEEL HAI.
मिलना, बिछड़ना, भूलना, MILNA, BICHHADNA, BHULNA,
हर लफ़्ज़ संगे मील है। HAR LAFZ SANGE MEEL HAI.
मैं डूबता ही चला गया, MAIn DUBTA HI CHALA GAYA,
वह आँख गहरी झील है। TERI AnKH GAHRI JHEEL HAI.
बस याद कुर्बत की तेरी, BAS YAD QURBAT KI TERI ,
इक राह में कंदील है। MERI RAH MEn QANDEEL HAI.
सीने पे संगे गराँ 'नया' SINE PE SANGE GARAn 'NAYA'.
आँखों में उमड़ी झील है। AnKHOn MEn UMDI JHEEL HAI.
--- वी.सी. राय 'नया' ---- V. C. Rai 'Naya'
-------- ग़ज़ल --------
बस रहमतों से अपील है। BAS RAHMATOn APEEL HAI.
फ़ेहरिस्त जुर्मों की मिरे, FEHRIST JURMOn KI MERE .
जुल्फों से तेरी तवील है। ZULFOn SE TERI TAWEEL HAI.
मुन्सिफ़ तेरी इजलास में, MUNSIF TERI IJLAS MEn,
तू खुद ही मेरा वकील है। TU KHUD HI MERA VAKEEL HAI.
ज़ुल्मो सितम पर बेरुख़ी, ZULMO SITAM PAR BERUKHI,
हर ज़ख्म जाती छील है। MERE ZAKHM JATI CHHEEL HAI.
मिलना, बिछड़ना, भूलना, MILNA, BICHHADNA, BHULNA,
हर लफ़्ज़ संगे मील है। HAR LAFZ SANGE MEEL HAI.
मैं डूबता ही चला गया, MAIn DUBTA HI CHALA GAYA,
वह आँख गहरी झील है। TERI AnKH GAHRI JHEEL HAI.
बस याद कुर्बत की तेरी, BAS YAD QURBAT KI TERI ,
इक राह में कंदील है। MERI RAH MEn QANDEEL HAI.
सीने पे संगे गराँ 'नया' SINE PE SANGE GARAn 'NAYA'.
आँखों में उमड़ी झील है। AnKHOn MEn UMDI JHEEL HAI.
--- वी.सी. राय 'नया' ---- V. C. Rai 'Naya'
-------- ग़ज़ल --------
---------- GHAZAL ----------
दोस्तो ! आपकी अदालत में छोटी बह्र में एक 'क़ानूनी' ग़ज़ल पेश है। आपके फ़ैसले का इंतज़ार है। साथ ही बताइयेगा कि अगल-बग़ल हिन्दी व रोमन में पोस्ट कैसी लगी।
-------- ग़ज़ल -------- ---------- GHAZAL ----------
न सबूत है न दलील है। N SABUT HAI N DALEEL HAI.
तेरी रहमतों से अपील है। TERI RAHMATOn SE APEEL HAI.
फ़ेहरिस्त जुर्मों की मिरे, FEHRIST JURMOn KI MERE .
जुल्फों से तेरी तवील है। ZULFOn SE TERI TAWEEL HAI.
मुंसिफ़ तेरी इजलास में, MUNSIF TERI IJLAS MEn,
तू खुद ही मेरा वकील है। TU KHUD HI MERA VAKEEL HAI.
ज़ुल्मो सितम पर बेरुख़ी, ZULMO SITAM PAR BERUKHI,
मेरे ज़ख्म जाती छील है। MERE ZAKHM JATI CHHEEL HAI.
मिलना, बिछड़ना, भूलना, MILNA, BICHHADNA, BHULNA,
हर लफ़्ज़ संगे मील है। HAR LAFZ SANGE MEEL HAI.
मैं डूबता ही चला गया, MAIn DUBTA HI CHALA GAYA,
तेरी आँख गहरी झील है। TERI AnKH GAHRI JHEEL HAI.
बस याद कुर्बत की तेरी, BAS YAD QURBAT KI TERI ,
मेरी राह में कंदील है। MERI RAH MEn QANDEEL HAI.
सीने पे संगे गराँ 'नया' SINE PE SANGE GARAn 'NAYA'.
आँखों में उमड़ी झील है। AnKHOn MEn UMDI JHEEL HAI.
--- वी.सी. राय 'नया' ---- V. C. Rai 'Naya'