Tuesday, 6 August 2013

NBT

नवभारत टाइम्स !

लखनऊ में हार्दिक स्वागत व आभार। "मुस्कराइए कि आप लखनऊ में हैं।"
आपकी ही पंक्तियों में थोड़ी सी क़तर-ब्योंत करके प्रस्तुत कर रहा हूँ। अच्छी लगें तो प्रकाशित करें, अन्यथा "गुस्ताखी माफ़"।

आने वाले कल की उमीदें , खरे जो उतरें पहले आप।
गूँगी हो गई हक़ की लड़ाई , शोर उठाएँ पहले आप। 
रिश्वत औ' सौदेबाज़ी को , अब ठुकराएँ पहले आप।
हर परिवर्तन शुरू आपसे , सफ़ल बनाएं पहले आप।

शुरू करें दिन 'नवभारत' से, इसके लिए हैं पहले आप।

--- वी. सी. राय  'नया'

पुनश्च : मै एक सेवानिवृत चीफ़ इंजीनियर हूँ तथा 35 वर्षों से साहित्य सेवा कर रहा हूँ। शीघ्र ही कविता या हास्य-व्यंग्य लेख प्रकाशन के लिए भेजूँगा।

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