-------- बात की बात --------
मुक्तक
बात उठती है, बात चलती है .
तनहाई में जो हुई, तेरी - मेरी बात .
दुनिया को अपनी लगी, तेरी - मेरी बात .
आग का दरिया इश्क है , समझाए कोई और ,
माने ना दिल की लगी , तेरी - मेरी बात .
लैला - मजनू रोमियो , जुलियट राँझा - हीर ,
हर किस्सा झुठला रही , तेरी - मेरी बात .
मैं तो तेरी सब रखूँ , तू रक्खे न एक ,
यूँ कैसे बन पाएगी , तेरी - मेरी बात .
मैंने तेरी एक रखी, तुने मेरी एक ,
दो बातों में बन गई , तेरी - मेरी बात .
--- वी. सी. राय 'नया'
मुक्तक
बात उठती है, बात चलती है .
बात बढ़ती है तो बिगडती है .
बात मानो न मानो, रख लो ज़रा,
बात रखने से बात बनती है .
----------- एक दोहा-ग़ज़ल ----------
तनहाई में जो हुई, तेरी - मेरी बात .
दुनिया को अपनी लगी, तेरी - मेरी बात .
आग का दरिया इश्क है , समझाए कोई और ,
माने ना दिल की लगी , तेरी - मेरी बात .
लैला - मजनू रोमियो , जुलियट राँझा - हीर ,
हर किस्सा झुठला रही , तेरी - मेरी बात .
मैं तो तेरी सब रखूँ , तू रक्खे न एक ,
यूँ कैसे बन पाएगी , तेरी - मेरी बात .
मैंने तेरी एक रखी, तुने मेरी एक ,
दो बातों में बन गई , तेरी - मेरी बात .
--- वी. सी. राय 'नया'
No comments:
Post a Comment