Tuesday, 28 February 2012

Holi Greetings with a Hazal

--------- होली - हज़ल -----------
इश्क़  में जब दिल बुख़ारी हो गया।
आँसुओं का पम्प जारी हो गया।

उनको दीवानी बनाया फाग ने ,
केस ये तो फ़ौज़दारी हो गया।

उनकी आँखों से चलीं पिचकारियाँ,
मीठा - मीठा प्यार खारी हो गया।

दिल के टुकड़े करके फिर से जोड़ दे,
यार तो पूरा मदारी हो गया।
जिसको दुत्कारा हसीनों ने सदा,
वो बिचारा ब्रह्मचारी हो गया।
बात होली में करो मत होश की ,
रंग का रँग सब पे तारी हो गया। 

क्या करे तारीफ़ उस बुत की 'नया',
जिसने देखा वो पुजारी हो गया।
--- वी. सी. राय 'नया'

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