Thursday, 3 May 2012

EK GHAZAL "AASMAN MEN"

--------------- ग़ज़ल ---------------

बाँहों में भर लो इसको , उड़ो आसमान में।
अफसाना हौसलों का लिखो आसमान में।

बादल - पखेरू दोस्त मिलेंगे उड़ोगे जब, 
दुश्मन मिसाइलों से बचो आसमान में। 

सूरज से भी छिपा के तुम्हारा भविष्य तक, 
तारों ने खुद लिखा है पढ़ो आसमान में।

मेरा ज़मीर , मेरी अना और मेरी खुदी,
किसकी बुलान्दियां हैं कहो आसमान में। 

हम प्यार औ' अमन से सजाएंगे ये ज़मीं ,
ऐलान अब 'नया' ये करो आसमान में।

--वी. सी. राय 'नया'

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