--------------- ग़ज़ल ---------------
बाँहों में भर लो इसको , उड़ो आसमान में।
अफसाना हौसलों का लिखो आसमान में।
बादल - पखेरू दोस्त मिलेंगे उड़ोगे जब,
दुश्मन मिसाइलों से बचो आसमान में।
सूरज से भी छिपा के तुम्हारा भविष्य तक,
तारों ने खुद लिखा है पढ़ो आसमान में।
मेरा ज़मीर , मेरी अना और मेरी खुदी,
किसकी बुलान्दियां हैं कहो आसमान में।
हम प्यार औ' अमन से सजाएंगे ये ज़मीं ,
ऐलान अब 'नया' ये करो आसमान में।
--वी. सी. राय 'नया'
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