अपनी रंगीन मिज़ाजी के चलते आज मैं रँग की बात करूँगा।
रंग चढ़ते हैं, रँग उतरते हैं।.
रंग प्रतिनिधि हमारे बनते हैं।
लाल, नीले, तिरंगे, केसरिया,
अब सभी रंग रँग बदलते हैं।
विज्ञान का विद्यार्थी रहा हूँ इसलिए जानता हूँ कि बेरंग सूर्य किरण में सात रंग होते हैं।
एक ही रंग है हर रंग, मिला कर देखो।
अपनी आँखों से हरएक पर्दा हटा कर देखो।
एक बेरंग किरण दूर फ़लक से जो चली ,
मुख्तलिफ़ रंग बिखेरे है वो आकर देखो।
रंगों की ख़ासियत है कि -
रंग भर दोगे तो तसवीर बोल उठ्ठेगी।
ख़्वाब रँग जाएँ तो तक़दीर बोल उठ्ठेगी।
सात स्वर हैं, और रंग भी सात हैं।
रंग लाते हैं बहुत गर साथ हैं।
मेरा तो मानना है कि -
फूल-काँटे, रात-दिन, नेकी-बदी, रंजो-ख़ुशी,
ज़िन्दगी का कैनवस रंगीन होता है बहुत।
याद मैं करता नहीं हूँ, याद आता है बहुत।
ख़ुद किसी दिन आयेगा, मिलती दिलासा है बहुत। (उर्दू वाले दोस्त 'मिलती'' को 'मिलता ' पढ़ें)
--- वी.सी. राय 'नया'
रंग चढ़ते हैं, रँग उतरते हैं।.
रंग प्रतिनिधि हमारे बनते हैं।
लाल, नीले, तिरंगे, केसरिया,
अब सभी रंग रँग बदलते हैं।
विज्ञान का विद्यार्थी रहा हूँ इसलिए जानता हूँ कि बेरंग सूर्य किरण में सात रंग होते हैं।
एक ही रंग है हर रंग, मिला कर देखो।
अपनी आँखों से हरएक पर्दा हटा कर देखो।
एक बेरंग किरण दूर फ़लक से जो चली ,
मुख्तलिफ़ रंग बिखेरे है वो आकर देखो।
रंगों की ख़ासियत है कि -
रंग भर दोगे तो तसवीर बोल उठ्ठेगी।
ख़्वाब रँग जाएँ तो तक़दीर बोल उठ्ठेगी।
सात स्वर हैं, और रंग भी सात हैं।
रंग लाते हैं बहुत गर साथ हैं।
मेरा तो मानना है कि -
फूल-काँटे, रात-दिन, नेकी-बदी, रंजो-ख़ुशी,
ज़िन्दगी का कैनवस रंगीन होता है बहुत।
याद मैं करता नहीं हूँ, याद आता है बहुत।
ख़ुद किसी दिन आयेगा, मिलती दिलासा है बहुत। (उर्दू वाले दोस्त 'मिलती'' को 'मिलता ' पढ़ें)
--- वी.सी. राय 'नया'
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