FB के सभी मित्रों को दीवाली की शुभकामनाओं के साथ प्रस्तुत है एक छोटी कविता -
------------------ दीवाली --------------------
वार्ड-रोब से शर्ट निकाली , देख के पत्नी ये बोलीं,
मुझको तो कुछ याद नहीं है ये किसकी दी वाली है।
अपना देना याद नहीं कुछ, मिलना सारा याद मुझे,
पैन्ट - शर्ट दोनों ह़ी अपने मुन्ना की दी वाली है।
तुम जो साड़ी बढ़िया पहने घर में भी हो सजी-धजी,
याद करो पिछली दीवाली , बिट्टी की दी वाली है।
जिस घर में देकर सब भूलें, मिलना हरदम याद रहे,
उस घर में खुश-हाली हरदम, सदा रहे दीवाली है।
---- वी . सी . राय 'नया'
------------------ दीवाली --------------------
वार्ड-रोब से शर्ट निकाली , देख के पत्नी ये बोलीं,
मुझको तो कुछ याद नहीं है ये किसकी दी वाली है।
अपना देना याद नहीं कुछ, मिलना सारा याद मुझे,
पैन्ट - शर्ट दोनों ह़ी अपने मुन्ना की दी वाली है।
तुम जो साड़ी बढ़िया पहने घर में भी हो सजी-धजी,
याद करो पिछली दीवाली , बिट्टी की दी वाली है।
जिस घर में देकर सब भूलें, मिलना हरदम याद रहे,
उस घर में खुश-हाली हरदम, सदा रहे दीवाली है।
---- वी . सी . राय 'नया'
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