Aaj Tak TV News on Dec.10, 2012 repeatedly showed Mrs. Jaya Bachchan saying "जो बीत गई सो बात गई".from a famous poem of Original Bahchan Ji. Here is my EKDAM TAZA GHAZAL on this TARAH -
--------- ग़ज़ल ----------
"जो बीत गई सो बात गई"।
लो सूरज निकला, रात गई।
मेहनत करने की आई घड़ी,
मौसम बदला बरसात गई।
जाने वाली रुत देकर ही,
कुछ यादों की सौग़ात गई।
अपनी तो मुहब्बत की बाज़ी,
पग-पग पर खाती मात गई।
जिस मौत का जीवन पल भी नहीं,
जीवन को देती मात गई।
निर्वाचन में सबकी पूजा,
फिर तो सबकी औक़ात गई।
हर दिन है 'नया', उम्मीद नई,
बंधवा कर ही हर रात गई।
--- वी. सी. राय 'नया'
--------- ग़ज़ल ----------
"जो बीत गई सो बात गई"।
लो सूरज निकला, रात गई।
मेहनत करने की आई घड़ी,
मौसम बदला बरसात गई।
जाने वाली रुत देकर ही,
कुछ यादों की सौग़ात गई।
अपनी तो मुहब्बत की बाज़ी,
पग-पग पर खाती मात गई।
जिस मौत का जीवन पल भी नहीं,
जीवन को देती मात गई।
निर्वाचन में सबकी पूजा,
फिर तो सबकी औक़ात गई।
हर दिन है 'नया', उम्मीद नई,
बंधवा कर ही हर रात गई।
--- वी. सी. राय 'नया'
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