Dec.8,2012, महफ़िले सुकून के "मुहब्बत है हमें" कार्यक्रम के लिए कही ताज़ा ग़ज़ल सादर पेश है -
----------------- ग़ज़ल ------------------
यूँ तो इस देश की हर शै से मुहब्बत है हमें।
आज दौलत की सियासत से ही नफ़रत है हमें।
जब 'मनी' 'ब्लैक' हुआ 'ब्लैक' ही वो मेल करे,
अब सियासत में भी दिखती ये महारत है हमें।
ज़िन्दगी अपनी किराए का मकाँ है यारो,
अपना भी कोई मकाँ हो बड़ी हसरत है हमें।
'फ़ेसबुक' पर भी ग़ज़ल पोस्ट जो हो जाने लगी,
अब विदेशों में भी मिलने लगी शोहरत है हमें।
राज़ की बात 'नया' बज़्म में कैसे कह दें,
आप कैसे भी समझ लें कि मुहब्बत है हमें।
--- वी. सी. राय 'नया'
Yun to is desh ki har shai se mohabbat hai hame.
Aj daulat ki siyasat se hi nafrat hai hame.
Jab 'mani' 'black' hua, 'black' hi wo mel kare,
Ab siyasat me bhi dikhti ye maharat hai hame.
Zindagi apni kiraaye ka makan hai yaro,
Apna bhi koi makan ho badi hasrat hai hame.
'FaceBook' par bhi ghazal post jo ho jane lagi,
Ab videshon me bhi milne lagi shohrat hai hame.
Raz ki bat 'Naya' bazm me kaise kah den,
Ap kaise bhi samajh len ki muhabbat hai hame.
--- V. C. Rai 'Naya'
----------------- ग़ज़ल ------------------
यूँ तो इस देश की हर शै से मुहब्बत है हमें।
आज दौलत की सियासत से ही नफ़रत है हमें।
जब 'मनी' 'ब्लैक' हुआ 'ब्लैक' ही वो मेल करे,
अब सियासत में भी दिखती ये महारत है हमें।
ज़िन्दगी अपनी किराए का मकाँ है यारो,
अपना भी कोई मकाँ हो बड़ी हसरत है हमें।
'फ़ेसबुक' पर भी ग़ज़ल पोस्ट जो हो जाने लगी,
अब विदेशों में भी मिलने लगी शोहरत है हमें।
राज़ की बात 'नया' बज़्म में कैसे कह दें,
आप कैसे भी समझ लें कि मुहब्बत है हमें।
--- वी. सी. राय 'नया'
Yun to is desh ki har shai se mohabbat hai hame.
Aj daulat ki siyasat se hi nafrat hai hame.
Jab 'mani' 'black' hua, 'black' hi wo mel kare,
Ab siyasat me bhi dikhti ye maharat hai hame.
Zindagi apni kiraaye ka makan hai yaro,
Apna bhi koi makan ho badi hasrat hai hame.
'FaceBook' par bhi ghazal post jo ho jane lagi,
Ab videshon me bhi milne lagi shohrat hai hame.
Raz ki bat 'Naya' bazm me kaise kah den,
Ap kaise bhi samajh len ki muhabbat hai hame.
--- V. C. Rai 'Naya'
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