मित्रो ! छोटी बहर में एक ग़ज़ल पोस्ट कर रहा हूँ। आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा है।
-------- ग़ज़ल ---------
दूर है तू पर पास भी तू।
जीवन का एहसास भी तू।
तू ही तू है दिल में मिरे,
चलती हुई हर श्वास भी तू।
मेरे लिए दुनिया में तिरी,
आम है तू पर ख़ास भी तू।
आस जगाई जो दिल में,
पूरी कर अब आस भी तू।
दृश्य है तू संगीत भी तू,
ख़ुशबू और मिठास भी तू।
स्पर्श से अपने अब भर दे,
एक 'नया' विश्वास भी तू।
--- वी. सी. राय 'नया'
-------- ग़ज़ल ---------
दूर है तू पर पास भी तू।
जीवन का एहसास भी तू।
तू ही तू है दिल में मिरे,
चलती हुई हर श्वास भी तू।
मेरे लिए दुनिया में तिरी,
आम है तू पर ख़ास भी तू।
आस जगाई जो दिल में,
पूरी कर अब आस भी तू।
दृश्य है तू संगीत भी तू,
ख़ुशबू और मिठास भी तू।
स्पर्श से अपने अब भर दे,
एक 'नया' विश्वास भी तू।
--- वी. सी. राय 'नया'
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